Tuesday, August 4, 2009

व्यंग्यजल -हमारा बहुमत है

हमारा बहुमत है

हम जो चाहे करें, हमारा बहुमत है
देश समूचा चरें, हमारा बहुमत है
वोट बटारें नैतिकता पर, फिर उसकी
मिल कर चटनी करें, हमारा बहुमत है
आलू प्याज सरीखे मत भी बिकते हैं
देकर ऊंची दरें, हमारा बहुमत है
मँहगाई से, दंगों से, हुड़दंगों से
लोग जियें या मरें, हमारा बहुमत है
पतित पावनी संख्याओं की गंगा से
सारे पापी तरें, हमारा बहुमत है
ईमानों की पोषाकें जो पहिने हैं
मारे मारे फिरें, हमारा बहुमत है
ऐसे हो या वैसे हो या जैसे हो
सब बहुमत से डरें, हमारा बहुमत है

2 comments:

Drmanojgautammanu said...

बिल्कुल सही कहा आपने । इसीलिए जिसने वोट दिया आज वहीं मारा जा रहा है । सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा कि देश भगवान भरोसे ।

Arun Aditya said...

बहुमत वाले करें बवाल, बहुमत है
बहुमत पर मत करो सवाल, बहुमत है।