Tuesday, December 13, 2011

व्यंग्य कविता- एक जानवर और आ गया उनके बाड़े में


व्यंग्य कविता
 एक जानवर और आ गया उनके बाड़े में
                                  वीरेन्द्र जैन
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मूंछ एंठते पहलवान फिर रहे अखाड़े में
एक जानवर और आ गया उनके बाड़े में

दण्ड बैठकें कर बाहों को तेल पिलाया है
जितना मिल सकता था माल मुफ्त का खाया है
सेठों की चौकीदारी करते हैं भाड़े में
एक जानवर और आ गया उनके बाड़े में

पिंजरे में फंसते जाते हैं उल्लू के पट्ठे
एक यात्री को अंगूर हुये फिर से खट्टे
हींड़ रहा था पड़े पड़े जो किसी कबाड़े में
वही जानवर आज आ गया उनके बाड़े में

उद्घोषक फिर फिर बोला दे चोट नगाड़े में
एक जानवर और आ गया उनके बाड़े में
वीरेन्द्र जैन
2/1 शालीमार स्टर्लिंग रायसेन रोड
अप्सरा सिनेमा के पास भोपाल [म.प्र.] 462023
मोबाइल 9425674629

Friday, November 18, 2011

व्यंग्य कविता प्रयास


व्यंग्य कविता
प्रयास
वीरेन्द्र जैन
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बीस लाख आबादी वाले सभी नगरों को
मेट्रो सुविधा की खबर सुन
मेरे नगर के नर-नारी
खुशी से लिपट गये
और नगर की आबादी बीस लाख करने में जुट गये



वीरेन्द्र जैन
2/1 शालीमार स्टर्लिंग रायसेन रोड
अप्सरा सिनेमा के पास भोपाल [म.प्र.] 462023
मोबाइल 9425674629

Friday, August 5, 2011

व्यंग्य कविता अपना भारतवर्ष है


व्यंग्य कविता

अपना भारतवर्ष है

वीरेन्द्र जैन

राजा जेल में हैं

जनता सड़क पर है

जिसके जन्म स्थल पर विवाद है

वह सीबीआई की पेशी से अनुपस्थित होकर

जन्मदिन मनाता है

और ब्रम्हचारी बाबा के लिए

आइटम गर्ल द्वारा

शादी का प्रस्ताव भेजा जाता है

आजकल घोटालों वाली ही

सोसाइटी आदर्श है

यह अपना भारतवर्ष है

-- वीरेन्द्र जैन

Monday, July 11, 2011

व्यंग्य कविता - - धमकी


धमकी

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इस बार नाराज होकर

न तो उसने कहा

कि वो कुएँ में कूद जायेगी

और न ही दी धमकी

मिट्टी का तेल छिड़क कर

आग लगा लेने की

अपितु वह थोड़ा सा रो ली

और फिर गम्भीर होकर बोली

कि वह रेल से यात्रा करेगी।

अब आप ही बताइए कि

यह भी कोई धमकी हुई भला,

भारतीय रेल से यात्रा करने पर आदमी

जिन्दा भी तो बच सकता है

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वीरेन्द्र जैन

2/1 शालीमार स्टर्लिंग रायसेन रोड

अप्सरा टाकीज के पास भोपाल [म.प्र.] 462023

मो. 9425674629

Friday, June 24, 2011

दो व्यंग्य रचनाएं


दो व्यंग्य रचनाएं
वीरेन्द्र जैन

लाल बुझक्कड़ बाबा

बोल रहा था बढचढ बाबा

कोई तो थी गड़बड़ बाबा

शीशे के घर में रह कर भी

फेंक रहा था कंकड़ बाबा

पत्ता तक तो हिला न पाया

चला उठाने अन्धड़ बाबा

रोग न जाने दवा न जाने

भागा लाल बुझक्कड़ बाबा

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खतरनाक

सिगरेट पीना

स्वास्थ के लिए खतरनाक है

शराब पीना

स्वास्थ के लिए खतरनाक है

च्युंगम चबाना

वित्तमंत्रालय के लिए खतरनाक है

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2/1 शालीमार स्टर्लिंग रायसेन रोड

भोपाल [म.प्र.] 462023

9425674629

Monday, March 14, 2011

व्यंग्य कविता- आदेश की प्रतीक्षा


आदेश की प्रतीक्षा
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वीरेन्द्र जैन
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अरी भागवान
कुछ चाय-वाय हो जाय
या उसके लिए भी
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रतीक्षा की जाय
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वीरेन्द्र जैन
2/1 शालीमार स्टर्लिंग रायसेन रोड अप्सरा टाकीज के पास भोपाल [म.प्र.] 462023
मो. 9425674629

Sunday, January 2, 2011

व्यंग्यजल - बुनियाद हिल गयी है



व्यंग्यजल
बुनियाद हिल गयी है
वीरेन्द्र जैन

दिखती नहीं हो बेशक, हालत बदल गयी है
यह घर नहीं बचेगा, बुनियाद हिल गयी है

अब इस तरह लटकना, हम आपकी नियति है
छज्जा पकड़ लिया है, सीड़ी फिसल गयी है

मुन्नी बहुत थी जिद्दी, लेकिन बहल गयी है
उसे खेल चाहिए था, उसे रेल मिल गयी है

इतनी बड़ी रसोई, इतने रसोइए हैं
वहाँ दाल गल रही थी,यहाँ दाल जल गयी है

सावन बसंत पतझर, आयेंगे जायेंगे भी
बेकार हैं मगर जब ख्वाहिश निकल गयी है

वीरेन्द्र जैन
2/1 शालीमार स्टर्लिंग रायसेन रोड अप्सरा टाकीज के पास भोपाल [म.प्र.] 462023
मो. 9425674629