Friday, August 5, 2011

व्यंग्य कविता अपना भारतवर्ष है


व्यंग्य कविता

अपना भारतवर्ष है

वीरेन्द्र जैन

राजा जेल में हैं

जनता सड़क पर है

जिसके जन्म स्थल पर विवाद है

वह सीबीआई की पेशी से अनुपस्थित होकर

जन्मदिन मनाता है

और ब्रम्हचारी बाबा के लिए

आइटम गर्ल द्वारा

शादी का प्रस्ताव भेजा जाता है

आजकल घोटालों वाली ही

सोसाइटी आदर्श है

यह अपना भारतवर्ष है

-- वीरेन्द्र जैन

1 comment:

SANDEEP PANWAR said...

अब आगे बढो