Monday, July 11, 2011

व्यंग्य कविता - - धमकी


धमकी

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इस बार नाराज होकर

न तो उसने कहा

कि वो कुएँ में कूद जायेगी

और न ही दी धमकी

मिट्टी का तेल छिड़क कर

आग लगा लेने की

अपितु वह थोड़ा सा रो ली

और फिर गम्भीर होकर बोली

कि वह रेल से यात्रा करेगी।

अब आप ही बताइए कि

यह भी कोई धमकी हुई भला,

भारतीय रेल से यात्रा करने पर आदमी

जिन्दा भी तो बच सकता है

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वीरेन्द्र जैन

2/1 शालीमार स्टर्लिंग रायसेन रोड

अप्सरा टाकीज के पास भोपाल [म.प्र.] 462023

मो. 9425674629

1 comment:

SANDEEP PANWAR said...

एक झटके में काम तमाम