Monday, July 6, 2009

सेठों के अखबार में

सेठाें के अखबार में

प्राइम मिनिस्टर पहुंचे झांसी
हैल्थ मिनिस्टर आयी खांसी
गड़बड़ कुछ हो गयी रेल के मंत्रीं ज़ी की कार में
ऐसे समाचार आते हैं सेठों के अखबार में

अफसर रिशवतखोर बहुत है
रेल महकमा चोर बहुत है
एमएलए फ़ंस गये मास्टरनी दीदी के प्यार में
ऐसे समाचार आते हैं सेठों के अखबार में

मेलमिलावट गड़बड़झाला
फिर सरसों में हुआ उछाला
भाव सुधरते ही जाते हैं दिनप्रतिदिन व्यापार में
ऐसे समाचार आते हैं सेठों के अखबार में

मजदूरों की हड़तालें हों
मिलमालिक की पड़तालें हों
उनकी खबर नहीं आती चाेली दामन के प्यार में
ऐसे समाचार आते हैं सेठों के अखबार में

जनता मंहगाई की मारी
संघर्षों की हो तैयारी
जिक्र छूट जाता सरकारी, विज्ञापन की मार में
ऐसे समाचार आते हैं सेठों के अखबार में

दंगों में नौ लोग मरे हों
आजादी पर सौ पहरे हों
इसको तोड़ मरोड़ छापते पन्ना नम्बर चार में
ऐसे समाचार आते हैं सेठों के अखबार में

2 comments:

Udan Tashtari said...

मस्त!! एकदम सटीक रचना.

Randhir Singh Suman said...

v. good