सेठाें के अखबार में
प्राइम मिनिस्टर पहुंचे झांसी
हैल्थ मिनिस्टर आयी खांसी
गड़बड़ कुछ हो गयी रेल के मंत्रीं ज़ी की कार में
ऐसे समाचार आते हैं सेठों के अखबार में
अफसर रिशवतखोर बहुत है
रेल महकमा चोर बहुत है
एमएलए फ़ंस गये मास्टरनी दीदी के प्यार में
ऐसे समाचार आते हैं सेठों के अखबार में
मेलमिलावट गड़बड़झाला
फिर सरसों में हुआ उछाला
भाव सुधरते ही जाते हैं दिनप्रतिदिन व्यापार में
ऐसे समाचार आते हैं सेठों के अखबार में
मजदूरों की हड़तालें हों
मिलमालिक की पड़तालें हों
उनकी खबर नहीं आती चाेली दामन के प्यार में
ऐसे समाचार आते हैं सेठों के अखबार में
जनता मंहगाई की मारी
संघर्षों की हो तैयारी
जिक्र छूट जाता सरकारी, विज्ञापन की मार में
ऐसे समाचार आते हैं सेठों के अखबार में
दंगों में नौ लोग मरे हों
आजादी पर सौ पहरे हों
इसको तोड़ मरोड़ छापते पन्ना नम्बर चार में
ऐसे समाचार आते हैं सेठों के अखबार में
2 comments:
मस्त!! एकदम सटीक रचना.
v. good
Post a Comment