एक साधु ने अपने स्वार्थ हेतु
एक सेठ को बरगलाया
और उसे नारकीय पीड़ा का
दिल दहला देने वाला
लगभग आंखों देखा हाल सुनाया।
बोला, -रे अधम,
जब यम के दूत
तुझ लेने आयेंगे
तो तेरे ये सारे ठाट बाट
धरे के धरे रह जायेंगे
लेकिन सेठ बिल्कुल भी नहीं घबराया
क्योंकि वह जानता था कि
सीतारूपी लक्ष्मी हरण के लिये
रावण भी था इसी भेष में आया
सेठ बोला-साधुजी,
यम के दूत हमारा क्या कर पायेंगे
उनके लौटने से पूर्व ही हमारे वकील
हाईकोर्ट से स्टे ले आयेंगे
3 comments:
आज के समाज मे ऐसे ही सेठ साहूकार है,
जो अपने पैसों के बल पर राज कर रहे है..
उनके काले धंधे बखूबी चल रहे है..
बाकी सारे काम तो उनके वकील देख ही लेते है..
अच्छी रचना..बधाई!!!
ये भी सही है!
खूब छीछालेदर कर दी जी !
Post a Comment