मुहब्बत का मसाला डाल कर कुछ भी बना देगी
तुम्हें रबड़ी लगेगी वो अगर खिचड़ी बना देगी
भजन में गीत है संगीत है, आनन्द ले लेना
समझना मत कि वो देवी तिरी बिगड़ी बना देगी
सियासत आदमी की जात को बचने नहीं देगी
कभी अगड़ी बना देगी, कभी पिछड़ी बना देगी
इधर मँहगाई ने मारा उधर त्योहार बैठा है
गरीबी रूढियों से मिल चकरघिन्नी बना देगी
किसी की शायरी की जद में भूले से नहीं आना
हमें भंवरा बना देगी तुम्हें तितली बना देगी
वीरेन्द्र जैन
2/1 शालीमार स्टर्लिंग रायसेन रोड
अप्सरा टाकीज के पास भोपाल मप्र
फोन 9425674629
1 comment:
कडवा है पर सच्चा है, अच्छा है।
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