नई पीढी के नाम
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मुझको तो अगली पीढी को केवल यही सिखाना है
तुमको अपने माँ बापों की बातों में नहिं आना है
हम तुमको कुछ नीति सिखायें
ऐसी तो सामर्थ्य नहीं
हम तुमको उपदेश पिलायें
तो उसका कुछ अर्थ नहीं
हम जीवन भर रहे नपुंसक
हमने अत्याचार सहे
बेईमानियँा हँस कर टालीं
हमने भ्रष्टाचार सहे
भूले से ऐसी पीढी को नहिं आर्दश बनाना है
मुझको तो अगली पीढी को केवल यही सिखाना है
तुमको अपने माँ बापों की बातों में नहिं आना है
हमने शोषण होते देखा
तो अपना मुँह फेर लिया
हमने ऑंख मूॅद कर झेला
जिसने जो अंधेर किया
कायरता की सहनशीलता
हम लेकर के आये हैं
हमें दिखायीं ऑंखें जिसने
हमने दाँत दिखाये हैं
तुम नकार दो इस पीढी को तुमको आगे जाना है
मुझको तो अगली पीढी को केवल यही सिखाना है
तुमको अपने माँ बापों की बातों में नहिं आना है
जो ढांचा बनवाया हमने
केवल एक घोंसला है
हमने जो विकास सोंपा है
पूरी तरह खोखला है
सारी न्याय व्यवस्था तुमको
न्याय नहीं दे पायेगी
लोकतंत्र का लोक दिखावा
झूठा एक चोंचला है
नई व्यवस्था लाना है तो तुमको इसको ढाना है
मुझको तो अगली पीढी को केवल यही सिखाना है
तुमको अपने माँ बापों की बातों में नहिं आना है
वीरेन्द्र जैन
21 शालीमार स्टर्लिंग रायसेन रोड
अप्सरा टाकीज के पास भोपाल मप्र
फोन 9425674629
3 comments:
तुमको अपने माँ बापों की बातों में नहिं आना है
तुमको अपने माँ बापों की बातों में नहिं आना है
maan-बाप to soona tha, lekin बापों ko nahi soona.बाप to ek hota hai, phir ye बापों kyon.
बापों yani kya 2-4 बाप?
प्रिय भाई]
पीढी अनेक लोगों से मिल कर बनती है इसलिए उनके माँ-बाप भी बहुवचन में होंगे . पूरी पीढी का एक बाप कैसे हो सकता है . यह महाभारत काल तो है नहीं की अंधे आदमी के सौ पुत्र हों.
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