एक गज़लनुमा रचना
पीठ पीछे आइना काला मिला
[आदरणीय आलोचकों से क्षमायाचना सहित]
वीरेन्द्र जैन
सबको चिकनी शक्ल दिखलाता मिला
पीठ पीछे आइना काला मिला
रास्ते आवागमन के दूसरे
सामने से द्वार पर ताला मिला
वोट देकर आदमी बाहर हुआ
फिर न कोई पूछने वाला मिला
बैठकों में कीमती कालीन है
माँ के कमरे में लगा ज़ाला मिला
दाल मुर्गी से अधिक मँहगी हुयी
दाल में भीतर छुपा काला मिला
वीरेन्द्र जैन 2/1 शालीमर स्टर्लिंग रायसेन रोड
अप्सरा टाकीज के पास भोपाल [म.प्र.] फोन 9425674629
2 comments:
maa ke kamre me laga jaala mila...waah bahut khoob....maan gaye...
http://dilkikalam-dileep.blogspot.com/
fir bhi sundar rachana
bahut khub
shekhar kumawat
http://kavyawani.blogspot.com/\
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