Friday, June 24, 2011

दो व्यंग्य रचनाएं


दो व्यंग्य रचनाएं
वीरेन्द्र जैन

लाल बुझक्कड़ बाबा

बोल रहा था बढचढ बाबा

कोई तो थी गड़बड़ बाबा

शीशे के घर में रह कर भी

फेंक रहा था कंकड़ बाबा

पत्ता तक तो हिला न पाया

चला उठाने अन्धड़ बाबा

रोग न जाने दवा न जाने

भागा लाल बुझक्कड़ बाबा

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खतरनाक

सिगरेट पीना

स्वास्थ के लिए खतरनाक है

शराब पीना

स्वास्थ के लिए खतरनाक है

च्युंगम चबाना

वित्तमंत्रालय के लिए खतरनाक है

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